दूसरे के मन में क्या है, कैसे पता करें? Doosare Ke Man Mein Kya Hai, Kaise Pata Karen

दूसरों के मन की बात कौन नहीं जानना चाहता दूसरे के मन में क्या है, कैसे पता करें लेकिन सामने वाले इंसान के मन भी क्या चल रहा है| वह जानना कोई आसान काम नहीं है | लेकिन बहुत से लोग दूसरों के मन की बात जानने की ताकत रखते हैं | सामने वाले के मन में क्या चल रहा है इस बात को जानना वैसे तो काफी कठिन है लेकिन कुछ उपाय ऐसे हैं जिनकी मदद से आप किसी के मन की बात बेहद आसान तरीके से जान सकते हैं कुछ लोग तो दूर बैठे ही दूसरों के मन की बात को आसानी से जान लेते हैं

स्टोरी :नेपाली गुरु

संबंध में एक स्टोरी आपको बताना चाहूंगा एक राजा का बेटा जब बड़ा हुआ तो राजा ने अपने बेटे को ध्यान की शिक्षा के लिए एक नेपाली गुरु के पास भेज दिया नेपाली गुरु बड़ा अजीब था उसके आश्रम के बाहर की तख्ती पर लिखा था यहां तलवार चलानी सिखाई जाती है राजा का बेटा इसे देखकर हैरान हुआ कि मेरे पिता ने तो मुझे ध्यान सीखने के लिए भेजा है लेकिन यहां तो कुछ और ही चल रहा है गुरु ने लड़के से कहा कि तुम कुछ दिन यहां आश्रम में रह लो जब सही समय आएगा तो मैं तुम्हारी शिक्षा शुरू कर दूंगा ऐसे ही महीने बीत गए एक दिन गुरु आए और बैठे हुए शिष्य पर लकड़ी की मदद से पीछे से हमला किया शिष्य दर्द से चिल्लाने लगा और गुरु से बोला मुझे तो आप पागल लगते हो मुझे यहां शिक्षा के लिए भेजा गया है और आप मुझ पर वार कर रहे हो गुरु ने कहा आज से तेरी शिक्षा शुरू आप तो ध्यान रखना सजग रहना किसी भी समय मैं तुझ पर वार कर सकता हूं दिन बीते गए गुरु दिन भर में उसे पर कई बार करता शिष्य कुछ वार्न से बच जाता लेकिन कुछ से नहीं बच पाता 3 महीने बाद शिष्य इतना सजग हो गया कि वह गुरु के पैरों की आवाज भी दूर से सुन लेता की गुरु मेरे पास आ रहे हैं अब गुरु उसे पर एक भी बार न कर पाए अब गुरु ने कहा तेरी दूसरी परीक्षा है कि अब नींद में भी ध्यान रखना नींद में भी तुझ पर वार हो सकते हैं अब शिष्य पर कुछ दिन नींद में भी वार हुए लेकिन फिर शिष्य नींद में भी सजग रहने लगा अब नींद में भी गुरु पास आते तो उसे पता चल जाता देखते-देखते 6 महीना में उसे शिष्य का ध्यान और होश बढ़ गया एक दिन गुरु साधना कर रहे थे तभी शिष्य ने सोचा गुरु ने मुझे इतनी बार मारा है क्यों ना आज गुरु की परीक्षा ली जाए कि आखिर इनका ध्यान कितना सजग है शिष्य ने मन में सोचा ही था कि गुरु की आवाज आई रुको रुको वहीं ऐसा करने की सोचो भी मत मेरी हड्डियां बूढी हो चुकी है मुझे मत मारना इससे हैरानी से बोला आपने मेरे मन की बातें कैसे जान ली गुरु ने कहा बेटा अब मेरा मन इतना शांत और ध्यान इतना सजग हो चुका है कि मैं अब दूसरों की भावनाओं और मां के विचारों को पढ़ लेता हूं बेटा अपने

राजा पिता के महल वापस लौट आया पिता ने पूछा कैसे थे तुम्हारे गुरु ने कहा गुरु ने मुझे तलवार चलाना तो नहीं सिखाया लेकिन अब कोई मुझ पर वार नहीं कर सकता मेरा ध्यान इतना सजग और तीव्र हो चुका है दोस्तों एक शांत मन आपके जीवन में ध्यान को जन्म देता है जितना गहरा आपका ध्यान रहेगा इस लेवल पर आप चीजों को याद रख पाओगे शांत मन में इतनी ताकत होती है कि आप दूसरों के दिमाग को पढ़ना भी सीख जाओगे इसलिए हर दिन सजग रहने के लिए ध्यान करो ध्यान से आपके दिमाग में स्थित कई बंद छिद्र खुलते हैं और आपकी इंटेलिजेंस बढ़ती है तो इस पूरी कहानी में आपको एक बात को मन दिखाई होगी कि एक शांत मन ही सब कुछ होता है शांत मन से हम क्या कुछ नहीं कर सकते इसलिए कहा गया है कि इंसान की असली संपत्ति उसका शांत मन है और जब आपका मन शांत होगा तभी आप दूसरों का मन पढ़ पाओगे

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